हाइलाइट्स
18,000 कैब उबर और ओला के जरिए गुवाहाटी शहर में चल रही हैं.
वहीं 16 हजार रैपिडो बाइक हैं.
अब तीनों एग्रीगेटर की सर्विस को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.
नई दिल्ली. उबर, ओला और रेपिडो की सर्विस अब गुवाहाटी में 1 फरवरी से मिलनी बंद हो गई हें. कैब और बाइक टैक्सी सर्विसेज को बंद करने का निर्णय ऑल असम कैब मजदूर संघ और ऑल गुवाहाटी बाइक एंड टैक्सी यूनियन ने लिया है. संघ ने कहा है कि कैब एग्रीगेटर्स लगातार कैब चालकों का उत्पीड़न कर रहे हैं जिसके बाद ये सर्विसेज को बंद करने का निर्णय लिया गया है. दोनों संघों ने दावा किया कि ये कैब सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां लंबे समय से ड्राइवरों को गुमराह कर रही हैं और उनका शोषण कर रही हैं.
ऑल असम कैब मजदूर संघ के महासचिव ज्योतिष डेका ने कहा कि ओला और उबर ने 2015 में असम में परिचालन शुरू किया था. पहले वर्ष में, उन्होंने हमें अच्छा प्रोत्साहन दिया. लेकिन बाद के दिनों में उन्होंने कैब चालकों का उत्पीड़न शुरू कर दिया. उन्होंने प्रति यात्रा कैब चालकों से 40 से 60 प्रतिशत कमीशन लेना शुरू कर दिया. जो कि गलत है.
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डेका ने कहा कि वे हमसे रनिंग कास्ट भी ले रहे हैं. यदि हम इस तरह के कमीशन का भुगतान करते हैं, तो हमारे लिए कुछ भी नहीं बचता है. हम 18-20 घंटे काम करते हैं. हमें बैंकों और वित्त कंपनियों में गाड़ियों की किश्तों का भुगतान करना पड़ता है और अपना रखरखाव करना पड़ता है. हमारे परिवार को पालने के लिए भी रुपये नहीं बचते हैं.
असम ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 18,000 कैब उबर और ओला के जरिए शहर में चल रही हैं. इसके अलावा बाइक टैक्सी ऑपरेटर यूनियन ने भी 1 फरवरी से रैपिडो बाइक टैक्सी एग्रीगेटर सर्विस को बंद कर दिया है. बंद करने के आह्वान के बाद 16,000 से अधिक रैपिडो बाइक सेवाएं बंद कर दी जाएंगी.
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FIRST PUBLISHED : February 02, 2023, 12:02 IST