जयपुर2 घंटे पहले
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जेल से रिहा होने के बाद उपेन यदाव को बेरोजगारों ने कंधे पर बिठाकर स्वागत किया।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र यादव को 10 दिन बाद मंगलवार शाम जेल से रिहाई मिली। इस दौरान बेरोजगारों ने उपेन का जोरदार स्वागत किया। वहीं रिहाई के बाद उपेन ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे बेवजह जेल भेजा गया। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं आगे भी बेरोजगारों के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। चाहे इसके लिए मुझे अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े।
दरअसल, उपेन यादव को पुलिस ने 19 नवंबर को सीकर सीमा से फर्जी दस्तावेज मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से ही उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया था। वहीं सोमवार को एडीजे कोर्ट क्रम संख्या 6 में सुनवाई के बाद उपेन के जमानत के आदेश जारी किए।
उपेन के वकील एडवोकेट एके जैन ने बताया कि जिस मुकदमे में उपेन को गिरफ्तार किया गया है। उससे उसका कोई लेना-देना ही नहीं है। उपेन के भाई मुकेश यादव के खिलाफ साल 2016 में एक ऐसे व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज कराई है। जिसके खिलाफ कई मुकदमें लंबित है। जिसमें मुकेश को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन कुछ वक्त बाद ही उनकी जमानत भी हो गई थी। उन्होंने बताया कि साल 2020 में मुकेश यादव के खिलाफ चालान पेश किया गया। जिसमें तीन के खिलाफ अनुंसधान लंबित रखा गया था। उपेन का नाम ना तो एफआईआर में था। और ना ही अनुसंधान में फिर भी उन्हें आरोपी बनाया गया।
बता दें कि उपेन यादव बेरोजगारों की 20 सूत्री मांगों को लेकर 20 नवंबर को सरदारशहर चूरू में आक्रोश रैली निकालने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही 19 नवंबर की शाम पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं 20 नवंबर की शाम जमीन धोखाधड़ी मामले में श्याम नगर थाना पुलिस ने उपेन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि उपेन ने अपने भाई मुकेश यादव के साथ मिल जयपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों की जमीन पर कब्जा किया था।
जिसके खिलाफ पिछले 5 सालों से जांच चल रही थी। लेकिन उपेन जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। ऐसे में उन्हें सीकर सीमा से हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिसमें उपेन ने जुर्म कबूल किया। वहीं उपेन की रिहाई की मांग को लेकर बेरोजगारों ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक आँनोलन शुरू कर दिया था।