टायरों के नंबरों में छिपा है कार का बहुत बड़ा राज, 99% लोग हो जाएंगे फेल, हैवी ड्राइवरों को जरूर होगी ये जानकारी

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टायरों के नंबरों में छिपा है कार का बहुत बड़ा राज, 99% लोग हो जाएंगे फेल, हैवी ड्राइवरों को जरूर होगी ये जानकारी


हाइलाइट्स

अच्छी ड्राइविंग के लिए टायर के बारे में जानकारी रखना जरूरी है.
इन नंबर के बारे में जान लिया तो कार के अच्छे एक्सपर्ट बन सकते हैं.
कितना वजन होना चाहिए, कितनी स्पीड होना चाहिए सब बताते हैं.

Car Knowledge: कई लोगों को कार चलाने का बहुत शौक होता है, लेकिन अच्छी ड्राइविंग करने वाले बहुत से लोग भी कार के फंक्शन के बारे में सभी चीजें नहीं जानते हैं. टायर, कार का सबसे जरूरी हिस्सा है. इनकी केयर बहुत जरूरी है. खराब और घिसे-पिटे टायरों के साथ ड्राइविंग करना हादसे की संभावना बढ़ा देता है. इसलिए जितना जरूर अच्छी ड्राइविंग है, उतना ही जरूरी टायर के बारे में जानकारी रखना है. टायरों पर लिखे नंबर और कोड में बहुत सी जरूरी जानकारियों छिपी रहती हैं. जब आप कार के टायरों को देखते हैं, तो उन पर ब्रांडिंग और मॉडल का नाम होता है. ज्यादातर लोग सिर्फ इतना ही जानते हैं.

टायर पर कई तरह के नंबर भी लिखे रहते हैं, लेकिन हर कोई इन नंबरों का मतलब नहीं जानता है. टायर पर लिखे नंबर और अल्फा-न्यूमेरिक संकेत जैसी जानकारियों को पढ़कर बहुत सी चीजों को जान सकते हैं. अगर आपको भी टायरों पर लिखे इन नंबरो के बारे में नहीं पता है तो यहां सभी इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारी के बारे में बताएंगे, जो आपके बहुत काम आ सकती हैं. अगर आपने इन नंबर के बारे में जान लिया तो कार के अच्छे एक्सपर्ट बन सकते हैं.

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पहले 3 नंबरों का मतलब
टायर पर लिखे पहले तीन नंबर टायर की चौड़ाई के बारे में बताते हैं. जैसे टायर पर पहले 255 लिखा है तो टायर की चौड़ाई 255 मिमी होगी. अलग-अलग कार के मॉडल के आधार पर अलग-अलग चौड़ाई के टायरों का उपयोग किया जाता है. बड़े इंजन डिस्प्लेसमेंट वाली हाई-एंड कारों में चौड़े टायरों का उपयोग होता है, पावर को बेहतर तरीके से हैंडल करने के लिए  सड़क के साथ ज्यादा संपर्क बना रहे.

इन 2 नंबरों का मतलब
अगले 2 नंबर टायर की मोटाई के बारे में बताते हैं. उदाहरण के लिए एक टायर लें जो 255 के बाद 75 लिखा है तो इसका मतलब होता है कि टायर 255 का 75 प्रतिशत मोटा है. आम तौर पर परफॉर्मेंस कारों में कम ऊंचाई वाले टायर होते हैं, जबकि एसयूवी कारों में ज्यादा ऊंचे टायरों का इस्तेमाल होता है.

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कितने बड़े हैं टायर?
इसके बाद आने वाला अल्फाबेट ‘R’ टायर के निर्माण के बारे में बताता है, जैसे यहां आर का मतलब रेडियल है. सभी आधुनिक कारें रेडियल टायरों पर चलती हैं. इसलिए आमतौर पर ‘R’ ही लिखा रहता है. पुराने कारों में दूसरे तरीके से बनाए जाते थे, जिसमें बायस बेल्ट के लिए B और डायगोनल के लिए D, लेकिन ये पुरानी कारों के लिए हैं. ‘R’ के बाद रिम का साइज या टायर का डायमीटर लिखा रहता है, जिसे अंदर से मापा जाता है. जैसे R के बाद 15 लिखा है तो टायर में 15 इंच की रिम फिट है.

सबसे जरूरी बात
सबसे लास्ट में लिखे 2  नंबर टायर की भार उठाने की कैपेसिटी के बारे में बताते हैं. यह दिखाते हैं कि एक टायर अधिकतम कितना वजन उठाकर चल सकता है. जैसे कि टायर पर अलर 89 लिखा है तो टायर 580 किग्रा वजन ले जाने के लिए तैयार किया गया है. इसके बाद एक अल्फाबेट होता है, जो उस स्पीड को दर्शाता है, जिसके लिए टायर को तैयार किया गया है. मान लीजिए टायर पर ‘T’ लिखा है, जो यह अधिकतम 190 किमी प्रति घंटे की स्पीड के लिए है.

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