पहले जान लें कि आपके काम भी आएगी या नहीं कार की Extend Warranty, नहीं तो लग जाएगा चूना

0
255
पहले जान लें कि आपके काम भी आएगी या नहीं कार की Extend Warranty, नहीं तो लग जाएगा चूना


हाइलाइट्स

मैसेज और कॉल में इंजन फेल्योर, ट्रांसमिशन इश्यू, डैमेज प्रोडक्ट और दूसरे एक्सपेंस पर भी वारंटी देने की गारंटी दी जाती है.
एक्सटेंडेड वारंटी खरीदने के बाद भी हमारा प्रोडक्ट वारंटी क्लेम करने में असमर्थ होता है.
2014 में हुए कंज्यूमर रिपोर्ट्स सर्वे के अनुसार 55% जो एक्सटेंडेड वारंटी खरीदी जाती है वह कभी यूज नहीं होती.

जब भी कोई महंगा प्रोडक्ट खरीदते हैं तो उसकी वारंटी जरूर चेक करते हैं. हम उन्हीं प्रोडक्ट को खरीदना पसंद करते है जिसमे वारंटी पीरियड ज्यादा होता है. वारंटी एक तरह की कंडीशन है जिसमें कुछ लिमिटेड टाइम पीरियड के अंदर प्रोडक्ट में कुछ इश्यू आती है तो कुछ टर्म और कंडीशन के साथ प्रोडक्ट को फ्री में सर्विस दी जाती है या फिर इसे रिप्लेस किया जाता है. अलग अलग कंपनियां अलग अलग प्रोडक्ट्स पर अलग अलग वारंटी प्रोवाइड करती हैं. एक्सटेंडेड वारंटी 1 लॉन्ग टर्म पीरियड के लिए किसी भी प्रोडक्ट के लिए काफी बेहतर ऑप्शन हो सकती है.

ये भी पढ़ें:Sarkari Naukri LIVE UPDATE: पैरामिलिट्री से लेकर भारतीय डाक में नौकरी की भरमार, जल्द करें आवेदन

 कई बार ऐसा भी होता है की कंपनी अपने प्रोडक्ट पर एक्सटेंडेड वारंटी प्रोवाइड करती है. कुछ एक्स्ट्रा कॉस्ट के साथ या फिर किसी थर्ड पार्टी कंपनी के द्वारा भी एक्सटेंडेड वारंटी कुछ चार्जेज के साथ प्रोवाइड कराई जाती है. एक्सटेंडेड वारंटी ड्यूरेशन में प्रोडक्ट की वारंटी का टाइम बढ़ जाता है. पर क्या हर थर्ड पार्टी से प्रोडक्ट की वैलिडिटी एक्सटेंडे करवाना से होता है?

हम सब में से लगभग हर किसी को कभी ना कोई मैसेज या ईमेल आया जरूर होगा जैसे कि – “आपके कार की वारंटी एक्सटेंड की गई है. इस सुविधा का लाभ उठाए” या फिर “आपके प्रोडक्ट की वारंटी एक्सटेंडे की जा सकती है”.

इसके अलावा कई बार हमें कॉल भी आते हैं जो कि रिकॉर्डेड या रोबोटिक होती है जिसमें यह एनश्योर कराया जाता है कि हमारे प्रोडक्ट की वारंटी एक्सीडेंट की जा सकती है जिसके लिए हमें कुछ भुगतान करने की जरूरत पड़ेगी. इन मैसेज और कॉल में इंजन फेल्योर, ट्रांसमिशन इश्यू, डैमेज प्रोडक्ट और दूसरे एक्सपेंस पर भी वारंटी देने की गारंटी दी जाती है. कई बार इस तरह की वारंटी के पॉलिसी डिटेल्स बिलकुल सही और ट्रस्टेबल होते हैं. मगर इन सारी चीजों से सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि यह सारे फ्रॉड हो सकते है.

 तो आइए जानते हैं कि एक्सटेंडेड वारंटी के नाम पर किन तरीकों से फ्रॉड होता है:

  1. कॉल के माध्यम से
    स्कैमर बहुत तरह से आपको कॉल करते हैं और कॉल पर वह इस तरह से बात करते हैं कि आपको भी न लगे कि वह किसी तरह का स्कैम कर रहे हैं.

वह आपसे कल पर एक्सटेंडेड वारंटी के कांटेक्ट के नाम पर आपसे पर्सनल डीटेल्स, ऐड्रेस, व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर, फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन और भी बहुत सारी जानकारियां ले लेते हैं जिसकी वजह से आपके साथ फ्रॉड हो सकता है.

क्या करें: सबसे पहले इस तरह के सारे कॉल्स को ध्यान से हैंडल करें इंश्योर करें कि सामने वाला आपसे क्या बातें कर रहा है और आपसे आपकी पर्सनल जानकारी तो नहीं मांग रहा!

  1. पॉलिसी को ध्यान से न पढ़ना
    कभी-कभी ऐसा होता है कि एक्सटेंडेड वारंटी खरीदने के बाद भी हमारा प्रोडक्ट वारंटी क्लेम करने में असमर्थ होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिस कंडीशन में हम वारंटी फिल करने जाते हैं वह कंडीशन उस पॉलिसी में मेंशन नहीं होता है. ऐसा होने पर हम अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं मगर ऐसा नहीं है.

किसी भी एक्सटेंडेड वारंटी को खरीदने से पहले उसके टर्म एंड कंडीशन और उसके पॉलिसी को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए. 2014 में हुए कंज्यूमर रिपोर्ट्स सर्वे के अनुसार 55% जो एक्सटेंडेड वारंटी खरीदी जाती है वह कभी यूज नहीं होती.

कभी-कभी हम अपने एक्सटेंडेड वारंटी को खो देते हैं या भूल जाते हैं या कभी-कभी हमें उसकी जरूरत नहीं पड़ती. इस तरह के कंडीशन में एक्सटेंडेड वारंटी का इस्तेमाल नहीं हो पाता है. एक्सटेंडेड वारंटी खरीदने के पीछे बहुत ही ज्यादा रुपये खर्च किए जाते हैं और इसका इस्तेमाल न हो पाना एक बहुत ही दुखद बात है.

ये भी पढ़ें:NEET 2023 Notification: कब आएगा नीट 2023 का नोटिफिकेशन? देखें महत्वपूर्ण अपडेट

इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस प्रोडक्ट कि हम वारंटी एक्सटेंशन को खरीद रहे हैं वह इसके वर्थ है या नहीं और उसी हिसाब से किसी भी प्रोडक्ट के एक्सटेंशन को खरीदना चाहिए.

Tags: Auto, Automobile, Car Bike News



Source link