‘मुगल लूटपाट नहीं बल्कि यहां घर बनाने आए थे’: नसीरुद्दीन शाह बोले- अगर वो गलत होते तो ताजमहल, लाल किला अब तक गिर गया होता

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‘मुगल लूटपाट नहीं बल्कि यहां घर बनाने आए थे’: नसीरुद्दीन शाह बोले- अगर वो गलत होते तो ताजमहल, लाल किला अब तक गिर गया होता


5 मिनट पहले

नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि हमें मुगलों का महिमामंडन नहीं करना चाहिए लेकिन उन्हें बदनाम करने की भी जरूरत नहीं है। मुगल तैमूर और नादिर शाह की तरह आक्रमणकारी नहीं थे। मुगल भारत को अपना घर बनाने आए थे।

नसीरुद्दीन शाह अपने बेबाक बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने कहा है कि अगर मुगल इतने ही गलत हैं तो उनके बनाए ताजमहल, लाल किला और कुतुब मीनार को लोगों ने गिरा नहीं दिया होता। नसीरुद्दीन शाह के मुताबिक, हमें मुगलों का महिमामंडन नहीं करना चाहिए लेकिन उन्हें बदनाम करने की भी जरूरत नहीं है।

उनकी जल्द ही वेब सीरीज ‘ताज, डिवाइडेड बाय ब्लड रिलीज होने वाली है, इसी के प्रमोशन के दौरान उन्होंने ये बातें कही। नसीरुद्दीन के मुताबिक, हमारे यहां लोग अकबर और तैमूर जैसे हत्यारों में अंतर नहीं कर पाते। मुगल यहां लूटपाट करने नहीं बल्कि अपना घर बनाने आए थे।

लाल किले को एक मुगल ने ही बनवाया था- नसीरुद्दीन
नसीरुद्दीन शाह ने मुगलों को आक्रमणकारी और विनाशकारी बताए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, ‘मुगल यहां लूटपाट करने नहीं आए थे। वे इसे अपना घर बनाने के लिए यहां आए थे और उन्होंने वही किया। उनके योगदान को कैसे भूला जा सकता है। हम लाल किले को इतने सम्मान के नजरिए से क्यों देखते हैं जबकि बनवाया तो उसे एक मुगल ने ही था। हमें बार-बार उन्हें बदनाम नहीं करना चाहिए।

नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि मुगलों ने यहां लाल किला, ताजमहल जैसे स्मारक बनवाए। उनकी मंशा यहां लूटपाट करना नहीं था बल्कि वो यहां अपना घर बनाने आए थे।

लोग अकबर और तैमूर जैसे हत्यारों के बीच अंतर नहीं कर पाते
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘ ये बातें मुझे काफी हास्यास्पद और अजीब लगती है जब लोग अकबर और नादिर शाह, तैमूर जैसे हत्यारों में अंतर नहीं कर पाते। नादिर शाह और तैमूर जैसे आक्रांता यहां लूटपाट करने आए थे जबकि मुगलों के लिए ऐसा नहीं था।

प्राचीन भारत के राजाओं के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए..
नसीरुद्दीन शाह के मुताबिक स्कूलों में प्राचीन भारत के राजाओं के बारे में भी पढ़ाया नहीं जाता जो कि बहुत ज्यादा गलत है। उन्होंने कहा, ‘हमें मुगलों के बारे में जानकारी है, यहां तक कि लॉर्ड कॉर्नवालिस कौन था ये भी पता है, लेकिन स्कूलों में बच्चों को गुप्त वंश, मौर्य वंश, विजयनगर साम्राज्य, अजंता की गुफाओं का इतिहास या नॉर्थ ईस्ट के बारे में नहीं पढ़ाया जाता है। इसकी मुख्य वजह ये है कि ऐसे इतिहास को अंग्रेजों ने लिखा है।’

स्कूलों में प्राचीन भारत के राजाओं के बारे में नहीं पढ़ाया जाना गलत बात है। हम मुगलों और अंग्रेजों के इतिहास से परिचित हैं लेकिन प्राचीन राजपूत राजाओं के बारे में कुछ नहीं जानते।

स्कूलों में प्राचीन भारत के राजाओं के बारे में नहीं पढ़ाया जाना गलत बात है। हम मुगलों और अंग्रेजों के इतिहास से परिचित हैं लेकिन प्राचीन राजपूत राजाओं के बारे में कुछ नहीं जानते।

क्या है ताज डिवाइडेड बाय ब्लड की कहानी?
ताज डिवाइडेड बाय ब्लड 3 मार्च 2023 से ZEE5 पर स्ट्रीम होनी शुरू हो जाएगी। सीरीज की कहानी मुगल शासन काल की है, जब अकबर अपनी विरासत के लिए एक योग्य उत्तराधिकारी का चुनाव कर रहे थे। सीरीज अकबर के शासन के दौर की कला, कविता, क्रूरता और वास्तुकला के बारे में बताती नजर आएगी।

हालांकि, इससे पहले भी कई फिल्में अकबर के शासन काल की कहानी दिखा चुकी हैं। नसीरुद्दीन शाह इसमें अकबर की भूमिका में हैं। नसीरुद्दीन के अलावा धर्मेंद्र, अदिति राव हैदरी आशिमा गुलाटी, ताहा शाह संध्या मृदुल और शुभम कुमार मेहरा भी इस सीरीज में अहम भूमिका निभाते नजर आएंगे।

ताज डिवाइडेड बाय ब्लड 3 मार्च 2023 से ZEE5 पर स्ट्रीम होनी शुरू होगी। इस सीरीज में अकबर के बच्चों में तख्तो ताज के लिए लड़ाई दिखाई जाएगी। नसीरुद्दीन शाह इसमें अकबर की भूमिका में हैं।

ताज डिवाइडेड बाय ब्लड 3 मार्च 2023 से ZEE5 पर स्ट्रीम होनी शुरू होगी। इस सीरीज में अकबर के बच्चों में तख्तो ताज के लिए लड़ाई दिखाई जाएगी। नसीरुद्दीन शाह इसमें अकबर की भूमिका में हैं।

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