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- Students Will Now Be Able To Take Admission In Two Full Time Degree Programs Simultaneously, New Guidelines Will Be Issued On April 13
एक घंटा पहले
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मंगलवार को घोषणा की कि छात्र अब दो फुल टाइम डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ दाखिला ले सकेंगे। यूजीसी और अन्य उच्च शिक्षा नियामकों की ओर से दोनों कार्यक्रमों को समान तौर पर मान्यता दी जाएगी। यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुरूप है। नई शिक्षा नीति में छात्रों को अपनी इच्छानुसार पढ़ने के लिए अधिकतम आजादी देने की बात कही गई है। यह कदम उसी की दिशा में पहल है।
विद्यार्थी डिग्री और संस्थान चुन सकेंगे
यूजीसी अध्यक्ष ने बताया कि योजना लेक्चर बेस्ड कोर्स के लिए लागू होगी। सभी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर ऐसी पहल शुरू कर सकते हैं। उन्हें इस बारे में यूजीसी और अन्य नियामकों को सिर्फ सूचित करना होगा। विद्यार्थी भी अपने स्तर पर डिग्री और संस्थान को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। पढ़ाई के दौरान फलेक्सिबिलिटी बढ़ेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इसके संबंध में दिशा-निर्देशों का एक सेट तैयार किया है, जिसे बुधवार, 13 अप्रैल को यूजीसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।
डिग्री, डिप्लोमा और अन्य कोर्स चुनने की आजादी
प्रो कुमार ने कहा कि इससे पहले, यूजीसी के नियमों ने छात्रों को दो फुल टाइम कार्यक्रमों को एक साथ करने की अनुमति नहीं दी थी। पहले वे सिर्फ ऑनलाइन/ पार्ट टाइम/ डिप्लोमा कोर्सेस के साथ एक फुल टाइम डिग्री प्राप्त कर सकते थे। लेकिन अब दो फुल टाइम डिग्री प्रोग्राम जैसे बीए या बीएससी और बीकॉम, एमकॉम, एमएससी और एमबीए आदि साथ कर सकते हैं। या फिर आईआईटी का छात्र भी कुछ और डिप्लोमा या हिस्ट्री से जुड़ा कोर्स, या डेटा सांइस आदि डिप्लोमा भी साथ कर सकता है।
अलग डोमेन और फैकल्टी में पढ़ने की मिलेगी छूट
दिशा-निर्देश देश भर में उपलब्ध सभी कोर्स पर लागू होंगे। छात्र या तो एक डिप्लोमा प्रोग्राम और एक ग्रेजुएशन (यूजी) डिग्री, दो मास्टर प्रोग्राम, या दो ग्रेजुएशन प्रोग्रामों को कॉम्बिनेशन में सिलेक्ट कर सकते हैं। यदि कोई छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन (यूजी) की डिग्री हासिल करने के लिए पात्र है और एक अलग डोमेन में ग्रेजुएशन की डिग्री में एडमिशन लेना चाहता है, तो वह एक साथ यूजी और पीजी डिग्री हासिल करने में सक्षम होंगे। हालांकि, दोनों प्रोग्रामों के लिए कक्षा के समय में टकराव नहीं होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को यह तय करने की छूट होगी कि वे इस तरह के प्रोग्रामों की पेशकश करना चाहते हैं या नहीं।
एमफिल और पीएचडी प्रोग्राम योजना में शामिल नहीं
यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि नई गाइडलाइन के अनुसार, छात्र विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी और विभिन्न प्रकार के विषयों जैसे डोमेन में दो डिग्री प्रोग्राम करने में सक्षम होंगे। इन दिशा-निर्देशों को अपनाना विश्वविद्यालयों के लिए वैकल्पिक है।