इसके बाद गूगल ने CCI पर EU के ऐसे ही एक मामले में दिए गए ऑर्डर को कॉपी करने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट में CCI की ओर से पेश हुए सरकारी वकील N Venkataraman ने कहा, “हमने कट, कॉपी और पेस्ट नहीं किया है।” गूगल ने सुप्रीम कोर्ट में CCI के आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका दायर की है।
गूगल ने CCI के ऑर्डर के कारण देश में Android से जुड़े इकोसिस्टम की ग्रोथ रुकने की चेतावनी दी है। इस ऑर्डर में कंपनी से एंड्रॉयड की मार्केटिंग के तरीके में बदलाव करने के लिए कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में गूगल ने बताया है कि उसे अपने मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स में बदलाव करने होंगे, नए लाइसेंस एग्रीमेंट लाने होंगे और 1,100 से अधिक डिवाइस मैन्युफैक्चरर्स और ऐप डिवेलपर्स के साथ अपने मौजूदा सिस्टम में बदलाव करना होगा। कंपनी का कहना है कि एंड्रॉयड मोबाइल प्लेटफॉर्म्स को लगभग 15 वर्ष हो गए हैं और कंपनी के इसमें बड़े बदलाव करने से मुश्किल होगी।
CCI ने गूगल को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet Inc पर एंड्रॉयड के मार्केट में अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में लगभग 16.1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था। भारत में लगभग 97 प्रतिशत स्मार्टफोन्स एंड्रॉयड पर चलते हैं और गूगल के लिए यह एक बड़ा मार्केट है। NCLAT ने गूगल को पेनल्टी का 10 प्रतिशत भुगतान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद गूगल ने NCLAT के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कंपनी को NCLAT के ऑर्डर के तहत पेनल्टी की 10 प्रतिशत रकम जमा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस D Y Chandrachud और जस्टिस P S Narasimha और J B Pardiwala की बेंच की ओर से कंपनी से तीन कार्य दिवस के अंदर NCLAT से संपर्क कर CCI के ऑर्डर के खिलाफ कंपनी की अपील पर फैसले की मांग करने को भी कहा है।
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