नई दिल्ली: LIC IPO Update: एलआईसी आईपीओ का इंतजार कर रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है. रूस-यूक्रेन जंग के चलते वैश्विक बाजार में छाई बिकवाली और उठापटक के कारण भारतीय बाजार में भी अस्थिरता दिख रही है. ऐसे में सरकार एलआईसी आईपीओ (LIC) की वैल्यूएशन में कटौती करने का प्लान कर रही है. बताया जा रहा है कि सरकार इसकी वैल्यूएशन करीब 30 फीसदी तक कम कर सकती है. बाजार में गिरावट के माहौल में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ये फैसला ले सकती है.
एलआईसी आईपीओ पर बड़ा अपडेट
लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, सरकार LIC की वैल्यूएशन (Valuation of LIC) करीब 11 लाख करोड़ रुपये रखना चाहती है जबकि पहले 16 लाख करोड़ रुपये के वैल्यूएशन की योजना बनी थी. आपको बता दें कि वैल्यूएशन में कटौती के बावजूद यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ साबित होगा. सरकार न मार्च 2022 में आईपीओ लाने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन बाजार के माहौल के चलते इसे टाल दिया गया था.
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सरकार क्यों घटा रही वैल्यूएशन?
एक्स्पर्ट्स की मानें तो सरकार मार्केट के हालात को देखते हुए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ये कम उठा रही है. सरकार के इस फैसले से निवेशकों के लिए लिस्टिंग गेंस की संभावना बढ़ जाएगी. भारतीय बाजार में एफपीआई में भी कमी आई है.
फरवरी में भेजा गया था मसौदा
गौरतलब है कि LIC ने अभी हाल में फरवरी में मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए थे. इस ड्रॉफ्ट के मुताबिक, एलआईसी के कुल 632 करोड़ शेयर में 31,62,49,885 इक्विटी शेयरों बेचने का प्रस्ताव है. इसमें 50 फीसदी हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए आरक्षित होगा, जबकि गैर-संस्थागत खरीदारों के लिए यह 15 फीसदी होगा.
12 महीने तक रहेगा वैध
अब एलआईसी आईपीओ को सेबी से मंजूरी मिलने के बाद, यह आईपीओ मंजूरी की तारीख से 12 महीने की अवधि के लिए वैध है. कैबिनेट की बैठक में LIC IPO को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया था. इसमें ऑटोमेटिक रूट से 20 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDIई) की मंजूरी दी गई थी. इस फैसले के बाद एलआई के प्रस्तावित आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है. लेकिन, बाजार के गिरते माहौल को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने बाजार से अपने पैसे वापस लेना शुरू कर दिया है.