मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा वर्ष की तीसरी तिमाही में सैमसंग का स्मार्टफोन्स के लिए ASP वर्ष-दर-वर्ष आधार पर केवल दो प्रतिशत बढ़ा है, जबकि एपल के ASP में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह ट्रेंड चौथी तिमाही में भी जारी रह सकता है। सैमसंग की बिक्री पर असर डालने वाला एक अन्य कारण ग्लोबल मार्केट में इसके ब्रांड की स्थिति हो सकता है। स्मार्टफोन्स की शिपमेंट्स के लिहाज से सैमसंग पहले स्थान पर है। हालांकि, कंपनी की बिक्री में कम प्राइस वाले फोन्स की अधिक हिस्सेदारी है जिनका यूरोप, दक्षिणपूर्व एशिया और साउथ अमेरिका में बड़ा मार्केट है। इसके विपरीत, एपल के फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स सबसे अधिक बिक्री वाले टॉप 10 फोन्स की लिस्ट में शामिल है।
सैमसंग को विदेशी मार्केट्स में अपने स्मार्टफोन्स की बिक्री बढ़ाने की जरूरत है। कंपनी ने इस वर्ष की शुरुआत में Galaxy S22 को लॉन्च किया था। हालांकि, यह एपल की नई आईफोन सीरीज का मुकाबला नहीं कर पा रहा है। Apple ने इस वर्ष ग्लोबल स्मार्टफोन में रेवेन्यू के लिहाज से टॉप पोजिशन बरकरार रखी है। कंपनी ने तीसरी तिमाही में स्मार्टफोन की सेल्स में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद रेवेन्यू में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी के एवरेज सेलिंग प्राइस में लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी इसका बड़ा कारण है।
एपल की कुल सेल्स में 5G फोन्स की हिस्सेदारी लगभग 46 प्रतिशत की थी। तीसरी तिमाही में ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में रेवेन्यू के लिहाज से कंपनी की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। पिछले वर्ष तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 37.1 प्रतिशत का था। जुलाई से सितंबर के दौरान कंपनी के iPhone 14, iPhone 14 Pro और iPhone 14 Pro Max की सेल्स सबसे अधिक रही। एपल ने iPhone 14 Plus की शिपिंग अक्टूबर के पहले सप्ताह तक शुरू नहीं की थी। ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में रेवेन्यू के लिहाज से सैमसंग 18.3 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर थी।
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